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युवाओं को क्यों हो रहे हैं हार्ट अटैक, 20 की उम्र में कैसे रखें अपने दिल का ख्याल?

Heart Care In 20s: दिल की बीमारी अब बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रह गई है, यहां तक ​​कि युवा भी इससे पीड़ित होने लगे हैं. 20 साल के युवाओं को भी दिल की समस्या होने लगी है। युवाओं को पता होना चाहिए कि कैसे देखभाल करनी है।

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आजकल जो युवा व्यायाम कर रहे हैं या बहुत फिट हैं उन्हें भी दिल का दौरा पड़ने की बात सुनने को मिल रही है। अपना दुख व्यक्त करने के अलावा हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन मन में सवाल उठता है कि कम उम्र में हार्ट अटैक आने का सही कारण क्या है? देखा जाता है कि युवाओं का हृदय अब वृद्धों की तुलना में अधिक तनावग्रस्त होता है।

20 साल के युवाओं को भी दिल की समस्या होने लगी है। अगले लेख में हम आपको बताएंगे कि आप अपने दिल को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए हम डॉ. बिपिनचंद्र भामरे, मुंबई के सर एच.एन. कंसल्टेंट कार्डिएक सर्जन, रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से चर्चा की।

गलत जीवनशैली है प्रमुख कारण

20 वर्ष की आयु से आपको अपने हृदय स्वास्थ्य की देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं के कारण बढ़ा हुआ तनाव और इस तनाव के कारण खान-पान की गलत आदतें हो सकती हैं। लंबे समय तक बैठे रहना, व्यायाम की कमी और अनियमित व अपर्याप्त नींद, खान-पान की गलत आदतें भी हृदय को प्रभावित कर सकती हैं।

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नमक का सेवन सीमित करें

हर कोई जानता है कि हाई ब्लड प्रेशर आपके दिल को प्रभावित कर सकता है। इसलिए डाइट में नमक का सेवन सीमित कर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना जरूरी होगा। अपने रक्तचाप को प्रतिदिन या अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार नियंत्रित करने का प्रयास करें।

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ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें

रक्तचाप के साथ-साथ आपको अपने रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है। इससे आप दिल की समस्याओं से दूर रहेंगे। विदित हो कि ये रोग आजकल किसी भी उम्र में हो सकते हैं।

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एक संतुलित आहार खाएं

ऐसा आहार खाना सबसे अच्छा है जिसमें सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व शामिल हों। स्वस्थ खाने की आदतों का पालन करें। ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, दालें, मेवे और तिलहन चुनें। पर्याप्त प्रोटीन खाने की कोशिश करें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की मदद लें। वे आपको बताएंगे कि क्या खाएं और क्या न खाएं।

वजन नियंत्रण में रखें

जंक फूड, मसालेदार, तैलीय, डिब्बाबंद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें। मोटापा तमाम बीमारियों को न्यौता देता है और दिल की समस्याओं का कारण बन सकता है। उचित वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

धूम्रपान से बचें

धूम्रपान न केवल फेफड़ों के लिए बल्कि हृदय के लिए भी हानिकारक है। यह हृदय रोग के प्रमुख कारकों में से एक है। धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को सख्त और संकीर्ण कर देता है, जिससे पट्टिका का निर्माण होता है और दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

पारिवारिक इतिहास के बारे में जानें

फैमिली हिस्ट्री जानें और नियमित हार्ट चेकअप करवाएं: अगर आपके परिवार में किसी को हार्ट प्रॉब्लम है तो आपको भी रेगुलर चेकअप करवाना चाहिए। विशेषज्ञों की सिफारिश के अनुसार हर 6 महीने या एक साल के बाद नियमित रूप से दिल की जांच करानी चाहिए। ऐसा करके आप अपने दिल की सेहत को नियंत्रित कर सकते हैं।

नोट - यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इससे किसी चिकित्सा उपचार का दावा नहीं किया गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनकी सलाह के अनुसार उचित बदलाव करें